जिसकी दुनीया थी दिवानी उसी की मोत का खोफनाक। करनाराम भील । karna bheel ... - भारत के मुल निवासी

मंगलवार, 9 जुलाई 2019

जिसकी दुनीया थी दिवानी उसी की मोत का खोफनाक। करनाराम भील । karna bheel ...



nayak 31 साल पहले एक शख्स की हत्या होती हैकातिल उसका सिर काटकर अपने साथ ले जाते हैं और परिजन आज तक इस इंतजार में हैं कि कटा हुआ सिर कभी तो वापस मिलेगा ताकि अंतिम संस्कार किया जा सके। 28 साल पुराना यह मामला जैसलमेर के कर्णा भील का है। एक वक्त में डकैत रहे कर्णा भील की हत्या अक्टुबर 1988 को हुई थी...

अपनी फीट लंबी मूछों के लिए गिनेस वर्ल्ड रिकॉर्ड में नाम दर्ज कराने वाले कर्णा का आज तक अंतिम संस्कार नहीं किया जा सका है। आज भी उनके सिर के मिलने का इंतजार है। हत्या वाले दिन कर्णा भील अपनी ऊंट गाड़ी पर मवेशियों का चारा लाने के लिए निकले थे। जब वह सोनर किले के पास से गुजर रहे थे तभी कुछ लोगों ने उन पर पीछे से हमला किया और उनका सिर काट दिया। उनके शरीर को ऊंट गाड़ी पर ही छोड़ दिया गया। जब ऊंट एयर फोर्स कॉलोनी में मौजूद कर्णा के घर पहुंचा तो परिजन उस मंजर को देखकर सदमे में आ गए। परिजनों ने कर्णा के सिर को ढूढ़ने की बहुत कोशिश की पर सिर नहीं मिला। उन दिनों में बॉर्डर पर कोई फेंसिंग नहीं हुआ करती थी और हत्यारों के लिए पाकिस्तान भाग जाना बेहद आसान था। पुलिस के मुताबिक भारत और पाकिस्तान के बीच प्रत्यर्पण संधि ना होने की वजह से आरोपियों को भारत नहीं लाया जा सका है। कर्णा भील के बेटे बोध राम के मुताबिक परिवार को अब भी आस है कि उसके पिता का सिर उन्हें मिल जाएगा ताकि अंतिम संस्कार किया जा सके। बोध राम ने बताया कि भील बहुत बढ़िया नाद बजाते थे। 1982 में वह तब पेरोल पर जेल से बाहर आए जब तत्कालीन राष्ट्रपति स्वर्गीय ज्ञानी जैल सिंह उनका संगीत सुनने जैसलमेर आए थे। तब राष्ट्रपति ने कर्णा की सजा माफ कर दी थी।samaj news blog website

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