Kya bheel or nayak ek hai - भारत के मुल निवासी

बुधवार, 20 मार्च 2019

Kya bheel or nayak ek hai

हमारे लिए गर्व की बात है कि हम नागवंशी भीलों को संतान है।

Kya bheel or nayak ek hai

सिद्धार्थ गौतम से  महाकारुणिक बुध्द बनाने में व उनके विचारों को प्रचारित करने में नागवंशी लोगो का बहुत योगदान है। बुद्ध को लोकनायक के रूप में स्वीकार किया व उनके विचार को प्रचारित करने वाले या नेतृत्व करने वाले  नागवंशी अग्रजनो को नायक कहा गया। इन नायको को आज भी अन्य लोग ये कहते है कि ये सब बिना गुरू के (नगुरे) है, नायक तो भगवान से भी बड़ा है आदि बातों को आज भी कहा जाता है इसके अलावा हमारा स्वभाव रहन सहन व प्रतीक घरों में आज भी विद्यमान है। बुद्ध की सम्बोधि यानी ज्ञान प्राप्ति के समय मे नागों के राजा (कबीला सरदार) काल और उसकी जीवनसाथी सुवर्णप्रभा ने उनकी बहुत सेवा व सम्भाल कर भोजन इत्यादि का ख्याल रखा। कश्यप बन्धुओ की पबज्जा( बुद्ध के मार्ग पर चल कर भिक्खु बनने) में  भी नाग राजा मुचलिंद का बड़ा योगदान रहा। प्रकृति(सबरी) जैसी महान भिक्खुणी ने बुद्ध के धम्म में अर्हत पद को प्राप्त किया। ऐसे बहुत से उदारहण है जो इतिहास में बिखरे हुए है। विडम्बना है कि अभी नागवंशियों का सच्चा  इतिहास संग्रह ही नही हुआ। जो है उसको तोड़ मरोड़ दिया गया। ये तो बाबा साहब अम्बेडकर को धन्यवाद की हमे सिंधु घाटी सभ्यता से होते हुए, बुद्ध, अशोक महान के बौद्धकाल  तक का इतिहास।  महाड़ तलाब सत्यग्रह, साइमन कमीशन में हमारे पक्ष की गवाही,  दया नायक ( निजी सचिव बाबा साहब डॉ अम्बेडकर के) का कार्य, फिर नागपुर की धम्मदीक्षा तक का मार्गदर्शन किया। बाबा साहब के मार्गदर्शन को आज हमारे समाज तक पहुंचाने में भिक्खु डॉ करुणासील राहुल(धम्मभूमि) के प्रयास व सानिध्य से  भन्ते धम्मप्रिय तक व बी.एल. पारस आज धम्म नायक के रूप में राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिनिधितव कर रहे है। जिस महान विचार को हमारे नागवंशी महान व श्रेष्ठ पूर्वजों ने आम जनता तक प्रचारित किया आज वही विचार पंचसील ध्वज के रूप में पूरे विश्व ने 8 जनवरी को अंगीकार कर विश्व शांति व भाईचारे का पैगाम दिया। यह दिवस हमारे समाज लिए गौरव का विषय है कि आज आज महानायक बुध्द व उसने प्रचारकों को तथा नागवंशी धम्मयोद्धाओं को पूरा विश्व नमन  करेगा याद करेगा। 🤝 llभवतु सब्ब मङ्गलं"

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