bhilo ka itihas
|| हैवीन्स लाइट हमारी गाइड ||
हमारे घर में कोई देवी देवता या भगवान के फोटो नहीं हे। इस देश के मूल बिज मूल मालिक होने के दस्तावेज घरो में लगाये हे तो जब UNO में से आव्रजन अधिनियम लगाया जाएगा और विदेसी किरयेदारे - OIGS - BOAC - BC - हिंदी संघ - रिफ्यूजी - इमिग्रेंट्स - वगेरे
घर - नेचरली और इम्न्स पेनिनसुला लाइंग तुंग धी साऊथ ऑफ एशिया - जम्बूद्वीप - कल्प - भारत - भारत खाली करके खुद के मादरे वतन जाना पड़ेगा।
तब खुद की पहचान बनाये रखना ज़ुरूरी हे। नहीं तोह तुम भी या हाँ से उनके साथ जाना होगा।
क्योकि भारत एक आप्रवासन कंट्री हे।
घर - नेचरली और इम्न्स पेनिनसुला लाइंग तुंग धी साऊथ ऑफ एशिया - जम्बूद्वीप - कल्प - भारत - भारत खाली करके खुद के मादरे वतन जाना पड़ेगा।
तब खुद की पहचान बनाये रखना ज़ुरूरी हे। नहीं तोह तुम भी या हाँ से उनके साथ जाना होगा।
क्योकि भारत एक आप्रवासन कंट्री हे।
हैवीन्स लाइट हमारी गाइड |
संयुक्त राष्ट्र संघ अनो का ट्राइबल पहचान अधिनियम के अनुसार ... यै को आदिवासी साबित करने के लिए या जनजाति की अनुसूची मे आने के लिए निम्नलिखित शर्ते हैं .. .... 1.उनकी अपनी टोटम / गोत्र व्यवस्था होनी चाहिए ..। .... 2.उनकी अपनी भाषा होनी चाहिए ...... ......
3.उन्की अपनी शर्तों को अलग और विशिष्ट रीति रिवाज होने चाहिए।
इन शर्तों मे किसी एक के भी ना होने की स्थिति में ... वह ट्राइबल नहीं माना जाएगा .... और ट्राइबलको मिले सभी संवैधानिक अधिकारों से वह वंचित रहेंगे .. धर्मांतरण से ये अपनी भाषा रीति रिवाज भूलते जा रहे हैं .. ..ये विकट समस्या है .... साथ ही आदिवासियो का हिन्दुकरन इसाईकरण धर्मपरिवर्तन और व्यवहारता के प्रभाव से अपने सभी लक्षणों को भूलते जा रहे हैं जिस दिन हम UNO द्वारा निर्धारित सभी शर्तों मे से िसी एक का भी पालन नही कर पायेगा वह आदिवासी अनुसूचित जनजाति के समस्त सुविधाओं से वंचित हो जायेगा .... संयुक्त राष्ट्र संघ का सर्वेक्षण हर 10 साल मे होता हैं .....
3.उन्की अपनी शर्तों को अलग और विशिष्ट रीति रिवाज होने चाहिए।
इन शर्तों मे किसी एक के भी ना होने की स्थिति में ... वह ट्राइबल नहीं माना जाएगा .... और ट्राइबलको मिले सभी संवैधानिक अधिकारों से वह वंचित रहेंगे .. धर्मांतरण से ये अपनी भाषा रीति रिवाज भूलते जा रहे हैं .. ..ये विकट समस्या है .... साथ ही आदिवासियो का हिन्दुकरन इसाईकरण धर्मपरिवर्तन और व्यवहारता के प्रभाव से अपने सभी लक्षणों को भूलते जा रहे हैं जिस दिन हम UNO द्वारा निर्धारित सभी शर्तों मे से िसी एक का भी पालन नही कर पायेगा वह आदिवासी अनुसूचित जनजाति के समस्त सुविधाओं से वंचित हो जायेगा .... संयुक्त राष्ट्र संघ का सर्वेक्षण हर 10 साल मे होता हैं .....
ताज के उनर के आधार से
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