आदिवासी क्रिकेट के दौरान ब्रिटिश आर्मी पर भारी - भारत के मुल निवासी

मंगलवार, 25 जून 2019

आदिवासी क्रिकेट के दौरान ब्रिटिश आर्मी पर भारी


चेनी के आदिवासी क्रिकेट के दौरान ब्रिटिश आर्मी पर भारी नानयुकी।

 आदिवासी समुदाय का जिक्र आते ही जो बात मन में आती है, वह खतरनाक पहलू हैं, हाथों में लोहे के हथियार और अजीबो-गरीब वेशभूषा। लेकिन यहाँ बात कुछ और ही है। खेलई आदिवासी के युवा सबसे अधिक खेल खेल में से एक क्रिकेट में भी अपनी धाक जमाने में जुटे हुए हैं। क्रिकेटई क्रिकेट में खेल की परिभाषा तो वही है, लेकिन वर्दी जरूर बदल गई है। आदिवासी टीम 'पशुई क्रिकेट वॉरियर्स' के फंड के लिए आयोजित एक क्रिकेट मैच के दौरान ब्रिटिश आर्मी पर भारी पड़ते नजर आई। यह मैच माउंट केन्या के नानयुकी में खेला गया।

 आदिवासी क्रिकेट के दौरान ब्रिटिश आर्मी पर भारी
 आदिवासी क्रिकेट के दौरान ब्रिटिश आर्मी पर भारी




सफेद गैंडा भी रहा साथ
'मसाई क्रिकेट वॉरियर्स' के खिलाड़ी सफेद गैंडे के साथ पहुंचे थे। यह उत्तरी-पूर्व में बचे पांच विशेष प्रजाति के गैंडों में से एक है। इस गैंडे के साथ वॉरियर्स के खिलाड़ी फोटो भी खिंचवाते नजर आए।
2009 में रिसर्चर ने सिखाई क्रिकेट
मसाई समुदाय के लोगों में क्रिकेट को पहुंचाने का श्रेय साउथ अफ्रीका की एक रिसर्चर आलिया बॉयर को जाता है। आलिया ने 2009 में लैकिपिया में एक ट्रेनिंग कैंप आयोजित कराया था। यहीं आलिया ने स्कूली बच्चों और युवाओं को क्रिकेट की ट्रेनिंग दी। इसके बाद मसाई वॉरियर्स नाम से बनी टीम ने कई मैच खेले।
यहां खर्च करते हैं पैसा



मसाई क्रिकेट वॉरियर्स अपनी कम्यूनिटी के रोल मॉडल हैं। खेल के जरिए वे अपनी संस्कृति में होने वाली अमानवीय धारणाओं के खिलाफ लड़ रहे हैं। मासाईलैंड की संस्कृति में महिलाओं के जननांगों का बिना किसी कारण जबरदस्ती भद्दा ऑपरेशन किया जाता है। महिलाओं पर होने वाले इस अत्याचार को रोकने के लिए मसाई क्रिकेट वॉरियर्स खेल के जरिए कैंपेन कर रहे हैं। इस कैंपेन से जुटाए गए पैसे वे एड्स, बाल विवाह और महिलाओं की सुरक्षा पर खर्च करते हैं।

सफेद गैंडा भी रहा साथ
'मसाई क्रिकेट वॉरियर्स' के खिलाड़ी सफेद गैंडे के साथ पहुंचे थे। यह उत्तरी-पूर्व में बचे पांच विशेष प्रजाति के गैंडों में से एक है। इस गैंडे के साथ वॉरियर्स के खिलाड़ी फोटो भी खिंचवाते नजर आए।
2009 में रिसर्चर ने सिखाई क्रिकेट
मसाई समुदाय के लोगों में क्रिकेट को पहुंचाने का श्रेय साउथ अफ्रीका की एक रिसर्चर आलिया बॉयर को जाता है। आलिया ने 2009 में लैकिपिया में एक ट्रेनिंग कैंप आयोजित कराया था। यहीं आलिया ने स्कूली बच्चों और युवाओं को क्रिकेट की ट्रेनिंग दी। इसके बाद मसाई वॉरियर्स नाम से बनी टीम ने कई मैच खेले।
यहां खर्च करते हैं पैसा
मसाई क्रिकेट वॉरियर्स अपनी कम्यूनिटी के रोल मॉडल हैं। खेल के जरिए वे अपनी संस्कृति में होने वाली अमानवीय धारणाओं के खिलाफ लड़ रहे हैं। मासाईलैंड की संस्कृति में महिलाओं के जननांगों का बिना किसी कारण जबरदस्ती भद्दा ऑपरेशन किया जाता है। महिलाओं पर होने वाले इस अत्याचार को रोकने के लिए मसाई क्रिकेट वॉरियर्स खेल के जरिए कैंपेन कर रहे हैं। इस कैंपेन से जुटाए गए पैसे वे एड्स, बाल विवाह और महिलाओं की सुरक्षा पर खर्च करते हैं।

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