कोटिया भील - भारत के मुल निवासी

मंगलवार, 5 मई 2020

कोटिया भील

कोटिया भील जिसने कोटा शहर को बसाया आज हम उसी के बारे में बात करने जा रहे हैं अतः पोस्ट को पुरा पढ़ें


शिवभक्त हिन्दूभील्लुराजा श्री भेरूलाल जी कोटीया, राजस्थान कोटा के १२ कोश में भीलभगवाराज शासनावधि सन् 1200 से 1264 के लगभग रही है, अपने आदिदेव महादेव शंकर के उपासक थे 
उन्होंने शिव के नाम पर नीलकंठ महादेव के मंदिर की स्थापना कर एक ब्राह्मण पुजारी को सेवक रखा । यह मंदिर एक ऊंचे टीले पर स्थापित करवाया ।
जो चंबल के किनारे पर और उसके आसपास के क्षेत्र पर फैला हुआ था । किले पर कोटीया भीलों की कुलदेवी नारसिंहीमाता एवं भैरव देवता का मदिर बनाकर पुजा करते थे ।
तथा इस क्षेत्र में जो भी पैदावार होती थी या व्यापार किया जाता था उस पर कोटया द्वारा निश्चित मात्रा में लगान वसूल किया जाता था।

वर्तमान कोटा गढ़ महल में कोटा के हाडा राजवंश भेरूलाल जी कोटिया की मुर्ती की आज भी पुजा कर रहे हैं । 
युद्धभुमी में भेरूलाल के वीरगती होने पर भेरूलाल जी पत्नी ने हाडा राजवंश नहीं बढने का श्राप दिया था । 
भेरूलाल जी भील की तपस्वीनी पत्नी के हाडा राजवंश ना बढने के श्राप से बचने के लिए उन्हें दिए गए वचन को आज भी निभा रहे है । जिससे श्राप का असर कम रहे ।


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