बड़वानी भील भीलाल आदिवासी समाज| badvani bheel bhilal adivasi samaj ka aa... - भारत के मुल निवासी

बुधवार, 17 जून 2020

बड़वानी भील भीलाल आदिवासी समाज| badvani bheel bhilal adivasi samaj ka aa...

 वो आदिवासी जिसे आज तक आदिवासी का दर्जा नही मिला ..



बड़वानी:- एक ऐसा आदिवासी समुदाय जो जनजाति घोषित होने के सभी मापदंडों का पालन करता है, जो आजादी के इतने सालों के बाद भी शेष दुनिया से अलग-थलग पड़ा हुआ हैं,जो लगभग-लगभग पूरा समुदाय हि अशिक्षित है या फिर साक्षरता भी 6-7%हि  है ।नायक आदिवासी अपने जीवन के निर्वहन के लिए पूरी तरह से नर्मदा और वनों पर निर्भर है वनोपज से ही इनका घर गृहस्थि चलती है ।शहद , गोंद और जलाऊ लकड़ी को अपने निवास स्थान से पैदल ही  20 से 25 किलोमीटर दूर चलकर धार के डही, अलीराजपुर के वालपुर और बड़वानी के पाटी हाट में  बेचकर अपने जीवन का निर्वाह  करते हैं ।



|| OBC वर्ग में शामिल हैं नायक आदिवासी ||



नायक आदिवासी भील-भिलाला जनजाति की उपजाति है किंतु वर्तमान में नायक आदिवासी पिछड़ा वर्ग में शामिल है।भीलीस्थान लॉयन सेना का कहना है कि:- पहले यह समुदाय अनुसूचित जनजाति के अंतर्गत आता था किंतु अब ओबीसी वर्ग के अंतर्गत आता है। नायक समुदाय के लोगों के पास जीवन- यापन के लिए मजदूरी के सिवाय कोई साधन नहीं है समुदाय के 90% से अधिक लोग निरक्षर है ।ऐसे समुदाय को जनजातीय समूह से पिछड़ा वर्ग में शामिल किया जाना न्यायसंगत नहीं है ।



|| नायक आदिवासी का गौरवपूर्ण इतिहास ||



नायक आदिवासी नर्मदा के दोनों किनारों के जंगलों में बड़वानी से लेकर गुजरात के हाफेश्वर तक निवासरत है। इतिहास के विद्यार्थी और समाजसेवी संदीप चौहान के अनुसार:- नायक आदिवासी समुदाय ने अंग्रेजो के खिलाफ कई लड़ाईयां लड़ी है जिनमें नायक विद्रोह ( सन 1821) ,भील विद्रोह ( सन 1813-1831,1846)  तथा नायकड़ा (1858-68)



विद्रोह प्रमुख हैं । भीलीस्थानी लॉयन सेना के अनुसार:- नायक कोई जाति नही हैं, यह आदिवासियों को अंग्रेजों से लड़ने के लिए हम भारतीयों द्वारा दी गई उपाधि है यह उस वक्त के योद्धा थे जिन्होंने देश



 को स्वतंत्रता दिलाने के लिए अपने प्राणों को न्योछावर कर दिया था। जैसे :- शहीद भीमा नायक



|| विशेष पिछड़ी जनजाति घोषित करें सरकार ||



इतिहास के विद्यार्थी एवं समाजसेवी संदीप चौहान कहते हैं कि:- नायक आदिवासी भारत सरकार द्वारा निर्धारित विशेष पिछड़ी जनजाति घोषित करने के सभी मापदंड को पूरा करता है। विशेष पिछड़ी जनजाति के लिए निर्धारित मापदंड जैसे:- कृषि में पूर्व  प्रौद्योगिकी स्तर। साक्षरता का न्यूनतम स्तर।अत्यंत पिछड़े दूरदराज के क्षेत्रों में निवास करना। स्थिर या  घटती जनसंख्या। इन सभी मापदंड को नायक आदिवासी समुदाय पूरा करता है।



 अतः सरकार नायक समुदाय को विशेष पिछड़ी जनजाति घोषित करें ताकि यह समुदाय जल्द से जल्द विकास की मुख्यधारा में शामिल हो सकें।

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