दोस्तों आज हम बात कर रहे उन भील राजाओ कि जिनका सामना दुश्मन कभी आमने सामने की लड़ाई में ना कर सके इसलिए भील राजा ओ को धोखे से मारा गया सामने से मारना दुश्मनों के लिए सम्भव नहीं था इन भील राजाओं के पिठ पिछे से वार हुआ है अगर ऐसा नहीं होता तो आज का इतिहास भील समाज का इतिहास होता था क्या मैंने ये सही बोला है ना कोमेट में बताना दोस्तों आपका स्पोर्ट बहुत जरूरी है मेरे लिए विडियो को ज्यादा से ज्यादा शेयर करे और चैनल को सब्सक्राइब भी कर दे इस वीडियो से कोन कोन सहमत हैं कोमेट जरूर करना
Kotiya bhil
कोटिया भील (Kotiya Bheel ) अत्यंत पराक्रमी था उसे युद्ध में हरा पाना असंभव सा था तब जैत सिंह ने उसे अपने यहां दावत पर बुलाकर खूब शराब का सेवन करवाया। जब कोटिया भील पूरी तरह से शराब के नशे में धुत हो गए तब सालार गाजी और हाडा राजपूतों ने मिलकर उन पर हमला बोल दिया। कोटिया भील ने वीरता से उनका सामना किया और सालार गाजी को मार गिराया तब जैत सिंह ने धोखे से कोटिया भील की गर्दन धड़ से अलग कर दी गर्दन धड़ से अलग हो जाने के बाद भी कोटिया भील युद्ध करते रहे तब उनकी कमर काट दी गई इस तरह उनके शरीर के तीन हिस्से हो गए और उन्होंने अंतिम सांस ली ,इस तरह कोटिया भील की हत्या कर दी गई।
Aklaway bhil
एकलव्य ने साधनापूर्ण कौशल से बिना अंगूठे के धनुर्विद्या में पुन : दक्षता प्राप्त कर ली। पिता की मृत्यु के बाद वह श्रृंगबेर राज्य का शासक बना और अपने राज्य की सीमाओं का विस्तार करने लगा। वह जरासंध की सेना की तरफ से मथुरा पर आक्रमण कर कृष्ण की सेना का सफाया करने लगा। सेना में हाहाकार मचने के बाद श्रीकृष्ण जब स्वयं उससे लड़ाई करने पहुंचे, तो उसे सिर्फ चार अंगुलियों के सहारे धनुष-बाण चलाते हुए देखा, तो उन्हें अपनी आंखों पर विश्वास ही नहीं हुआ। चूंकि वह कृष्ण कि सेना के नरसंहार में लगा हुआ था, इसलिए कृष्ण
ने धोखे से एकलव्य का वध कर दिया
राजा राम भील - राजा राम भील रामपुरा के शासक थे , व एक शक्तिशाली शासक थे , उन्होंने मार्चिंग आक्रमणकारियों से युद्ध किया और इसमें उनकी गर्दन काट गई लेकिन उनका धड दुश्मन से लड़ता रहा ।
राजा देव भील - राजस्थान के देवलिया के शासक थे , 1561 में इन्हे धोखे से मार दिया गया
राजा बसिया भील एक प्रतापी शासक थे जिनसे उनके दुश्मन कभी आमने सामने की लड़ाई में विजय ना पा सके इसलिए राजा बसिया भील के खिलाफ षडयंत्र रचा गया और इस षड्यंत्र को अंजाम दिया रावल जगमाल सिंह ने करीब 1530 के आसपास का समय था राजा बंसिया भील के यहां शादी थी शादी में इन्होंने अपनी रियासत की आम लोगों को आमंत्रित किया और इसी दौरान जगमाल सिंह ने मेहमान के भेश में आया और उसने धोखे से भील राजा बसिया भील की हत्या कर दी
राजा बसिया भील और उनके परिवार की बेहद ही निर्मम तरीके से हत्या कर दी गई
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