Siryavanshi nayak samaj history
कश्यप के पुत्र सुर्य के चार पुत्र थे।। जिनमें से श्रोवणी,मन्नु और यमदेव व क्षीधादेव इन तीन वशो के नायक क्षत्री वीर आर्य सुर्य व शियो की उत्पत्ति हुई है।जो इस कुल। के राजा हुए वो इस प्रकार है-क्षी श्रोवणी मन्नुके पुत्र लोम लोम के पुत्र श्याम्भ्रमन्नु श्याम्भ्रमन्नु के पुत्र प्रियवर्त और। तानपाद दो हुए
राजा प्रियवर्त के सात पुत्र थे
1.आधिन्धर
2.वयुषमान
3.ज्योतिषमान
4..धुतिमान
5.भव्य
6.शवक
7.मेध
इन सातो को प्रियवर्त ने बांट कर अलग अलग राज्य दिये जिनका नाम दिप राज्य के नाम से जाना जाता है।उसके बाद इन सातों राजाओं के 63 पुत्र प्राप्त हुए और इन्हें भी अलग अलग राज्य की स्थापना की जो खण्ड कहलाते हैं।यह इसी प्रकार भारत में नो खण्ड और 54उप खण्ड कहलाते हैं
इस तरह सुर्यवशी नायक समाज की रचना हुई
Kuchh smjh me nhi aaya ji esme nayak ka surywanshi hone se kya mtlb h
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