Ladhunath ji maharaj masuri dham history in hindi - भारत के मुल निवासी

गुरुवार, 17 मार्च 2022

Ladhunath ji maharaj masuri dham history in hindi

परम संत लाधुनाथ जी महाराज कोन थे ?
लाधुनाथ जी महाराज मसुरी धाम


लाधुनाथ जी का जन्म विक्रम संवत् 1960 में फाल्गुन सुदी चतुर्दशी को तत्कालीन बीकानेर रियासत के मंसूरी गाँव में हुआ था इनके पिता का नाम गंगाराम और माता का नाम पेमादे था, इनका विवाह तीजा देवी से हुआ इनके तीन संतानें थी- एक पुत्र गणेशनाथ तथा दो पुत्रियाँ तुलसी और सुगना, उम्रभर नायक जाति में व्याप्त बुराईयों को दूर करने के व्यावहारिक मार्ग विभिन्न स्थानों पर अपने उपदेशों के माध्यम से बताते हुए लाधुनाथ जी महाराज ने विक्रम संवत् 2007 में समाधि ली,इनके पुत्र गणेश नाथ के प्रयासों से इनके समाधि स्थल मंसूरी में एक धाम का निर्माण करवाया गया, जहाँ वर्ष में दो बार सत्संग का आयोजन होता है और लाखों लोग सपरिवार उपस्थित होते हैं,
लाधुनाथ जी महाराज ने अपनी शिक्षाओं में अकारण जीव हत्या न करने का संदेश दिया था,लाधुनाथ जी ने उसी विचार को नूतन ढंग से पेश करते हुए भीलों की इस कुप्रवृत्ति पर रोक का हर संभव प्रयास किया,उन्होंनें लोगों को पुनर्जन्म का भय दिखाकर जीव हत्या से दूर रहने की सलाह दी..!
तारा मंडल में नायक पारीध,तीन मृगी के लारै ।
सत् धर्म से दफतर चढिया,जीव-जंतु नही मारै ।।
ऐसे ही ढेरों उपदेशों के माध्यम से प्रेरित हो अनेक लोगों ने जीव हत्या न करने का निश्चय किया,लाधुनाथ जी के इस एक संदेश ने लाखों शिकारी और आपराधिक प्रवृत्ति वाले तथा मांसाहार का सेवन करने वाले लोगों के जीवन को बदल दिया..!!
-मुकेश नायक,नोहर

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