Mangarh dham history भगवा फहराने से आदिवासीसमाज नराज - भारत के मुल निवासी

रविवार, 3 जुलाई 2022

Mangarh dham history भगवा फहराने से आदिवासीसमाज नराज

मानगढ धाम पर भगवा फहराने जाने से आदिवासी समाज मे भारी आक्रोश देश के सबसे पुराने आदिवासी समुदाय भील आदिवासियों के ऐतिहासिक स्थल मानगढ़ धाम जहाँ गोविन्द गुरु ने भील आदिवासियों को एकता के सूत्र में बांधने का काम किया था भीलो को अंग्रेजो सामंतों और रजवाड़ो से आज़ादी की लड़ाई लड़ने के लिए एक किया था | मानगढ़ पर 17 नवम्बर 1913 हजारों आदिवासियों और अग्रेजो के बिच आज़ादी का संघर्ष हुआ जिसमे भील आदिवासी अंग्रेजो की गोलियों के शिकार हो गये | हत्याकांड स्थल #मानगढ़_धाम पर शहीद आदिवासियों की याद में स्मारक बना हुआ है और गोविन्द गुरु जी को धूनी बनी हुई है जो आदिवासियों के इतिहास और गौरव का प्रतिक है लेकिन rss ने भगवा फहरा दिया गया है जो की सरासर गलत है | आ

दिवासी स्थलों पर आदिवासियों की अपनी संस्कृति के झंडे ही लगेंगे गैर आदिवासियों के देवताओ के झंडे नहीं लग सकते है

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