मानगढ धाम पर भगवा फहराने जाने से आदिवासी समाज मे भारी आक्रोश
देश के सबसे पुराने आदिवासी समुदाय भील आदिवासियों के ऐतिहासिक स्थल मानगढ़ धाम जहाँ गोविन्द गुरु ने भील आदिवासियों को एकता के सूत्र में बांधने का काम किया था भीलो को अंग्रेजो सामंतों और रजवाड़ो से आज़ादी की लड़ाई लड़ने के लिए एक किया था |
मानगढ़ पर 17 नवम्बर 1913 हजारों आदिवासियों और अग्रेजो के बिच आज़ादी का संघर्ष हुआ जिसमे भील आदिवासी अंग्रेजो की गोलियों के शिकार हो गये |
हत्याकांड स्थल #मानगढ़_धाम पर शहीद आदिवासियों की याद में स्मारक बना हुआ है और गोविन्द गुरु जी को धूनी बनी हुई है जो आदिवासियों के इतिहास और गौरव का प्रतिक है लेकिन rss ने भगवा फहरा दिया गया है जो की सरासर गलत है |
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दिवासी स्थलों पर आदिवासियों की अपनी संस्कृति के झंडे ही लगेंगे गैर आदिवासियों के देवताओ के झंडे नहीं लग सकते है
रविवार, 3 जुलाई 2022
Mangarh dham history भगवा फहराने से आदिवासीसमाज नराज
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