सिंधु घाटी सभ्यता में भील समुदाय के होने के प्रमाण
सिंधु घाटी सभ्यता - सिंधु घाटी सभ्यता पर हो रहे शोध के दौरान वहां से भगवान शिव और नाग के पूजा करने के प्रमाण मिले है साथ ही साथ बैल, सूअर, मछली, गरुड़ आदि के साथ- साथ प्रकृति पूजा के प्रमाण मिले है उस आधार पर शोधकर्ताओं के अनुसार सिंधु घाटी सभ्यता के लोग भील प्रजाति के ही थे।
भील प्रजाति अपने आप में एक विस्तृत शब्द है।
इतिहासकारों ने माना कि करोड़ों वर्ष पूर्व भील प्रजाति के लोग यही पर वानर के रूप जन्मे और निरंतर विकासक्रम के बाद वे होमो सेपियन बने, धीरे धीरे यही लोग एक जगह बस गए और गणराज्य स्थापित किया, इनके शासक हुआ करते थे, सरदार के आज्ञा के बगैर कोई कुछ नहीं कर सकता था । भील प्रजाति के लोग धनुष का उपयोग करते थे समय के साथ उन्होंने नाव चलना सीख ली और ये भील प्रजाति के लोग मिश्र से लेकर लंका तक फैले हुए थे इन्होंने ही सिंधु घाटी सभ्यता बसाई।जब फारस, इराक, हिन्देशिया में बाढ़ आई तब वहां के लोग भारत की तरफ आए, यहां के मूलनिवासियों ने उनकी सहायता करी, लेकिन उन लोगो ने भारत पर कब्जा जमाना शुरू कर दिया भील प्रजाति के शासकों के साथ छल कपट कर उन्हें धोखे से हरा दिया फिर यही भील प्रजाति के लोग धीरे धीरे बिखर गए।
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