कहानी आजादी के दो महीने पहले की
23 मार्च 1993 को आदिवासी स्वतंत्रता सेनानी
सेंगाभाई_रोत की कहानी
29 वी बरसी...इनका मूल गांव भीलवा पंचेला झोथरी पाल,जिला डुंगरपुर राजस्थान।
नाना भाई खाट,शिवराम जी रोत,काली बाई कलासुआ भील समुदाय के आदिवासी परिवार में जन्मे रास्तापाल में आदिवासी में शिक्षा की अलख जगाने का बीड़ा उठाया सामन्ती शासन आदिवासियों में शिक्षा नही चाहते थे और उन्होंने गोलियां चलवाई जिसमे नाना भाई खाट और काली बाई शहीद हो गये
शिवराम जी,सेंगा भाई को बंदूक के कुंदों से मारा गया गाड़ी से लटका कर घसीटे गये
बाद उन्होने पढ़ाई विद्यालय में चालू रखी तब कोई शिक्षा की देवी उनका। साथ।देने नही आई।थी..मात्र भील आदिवासी बालिका उनके। बचाव में आई थी
1993 में साँप के काटने से सेंगा भाई की मौत हुई इतिहास के पन्नो पर सेंगा भाई को उचित स्थान नही मिला ये,,आदिवासी समुदाय के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है,पर अब जनजागरण तेज हो रहा जिससे उनकी जीवनी पर अधिक फोकस हो रहा है।
"सेंगा भाई रोत को जोहार नमन"
🌹🌷🙏🏹 जय आदिवासी🙏🌹🌷🏹🏹
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