Nayak bhil samaj history in hindi - भारत के मुल निवासी

सोमवार, 7 जून 2021

Nayak bhil samaj history in hindi

आज हम इस पोस्ट में नायक भील समाज से जुड़े कुछ ऐतिहासिक जानकारियों के बारे मे जाने गे तो बने रहे इस पोस्ट में आखिर तक आपको कुछ नया देखने को मिलेगा
और हा आपने इस ब्लॉग को अभी तक subsraibe नहीं किया है तो कर ले ताकि आपको आने वाली हर पोस्ट की जानकारी की सूचना मिल सके साइड में जो बेल आइकॉन है उसे दबा दे कमेंट में आपनी रे जरुर दे की पोस्ट कैसी लगी

नायक भील समाज  

नायक भील जाति वर्ण शुद्र में नहीं आती हैं नायक आदिवासी जाति है और अनुसूचित जनजाति में आती है जो भारत भूमि की मूल आदि निवासी हैं आज कल कहीं कहीं नायकों को आदिवासी जाति नहीं माना जा रहा है यह जाति के साथ बहुत बड़ा अन्याय हैं

नायक भील समाज 



 ( 1 ) सन् 1891 की जनगणना रिपोर्ट मारवाड़ मर्दूमशुमारी में नायक और भील आदिवासी एक ही जाति के सामानार्थी शब्द के रूप में प्रयुक्त हुए हैं राजस्थान अनुसूचित जन - जाति सूची के अनुसार भील जाति में हैं अतः नायक भी जनजाति में आते हैं
 ( 2 ) सन् 1987 में श्री पी ० एस ० वर्मा रजिस्ट्रार जनरल आफ इंण्डिया द्वारा लिखित पुस्तक " द लिविंग म्युजिक इन राजस्थान " में विद्वान लेखक ने नायक एवम् भील को एक ही जाति माना हैं इस पुस्तक में वीर श्रेष्ठ पाबूजी महाराज की कथा हैं राजस्थान और बाहर के सभी नायक जाति के लोग पाबूजी राठौड़ की अपना आराध्य और इष्ट देवता मानकर पूजते हैं
 ( 3 ) " खानदेश भील कार्पस " नामक पुस्तक में ए ० एच ० ए ० सिमकाक्स ने लिखा है कि कई भील मुखियाओं ने अब छोटे - छोटे राजाओं का रूतबा धारण कर लिया था इन भील अधिपतियों राजाओं की उपाधि गायक होती थीं
 ( 4 ) ठाकुर भाई नायक की पुस्तक " भील ए स्टडी " ( भील एक अध्ययन ) की भूमिका में अंग्रेज विद्वान सी वोन फुरर हेमन डोफे ने लिखा है कि डॉग के गड़वी राजा ने प्रशासन की सुविधा की दष्टि से राज्य के अस्सी गाँवों को स्थानीय भील जमीदारों में बांट रखा था जिन्हे नायक कहा जाता हैं नायकों की बोली नायकड़ी कहलाते है जो भीली भाषा की एक उपबोली हैं लिग्विस्टिक सर्वे ऑफ इंडिया नामक ग्रंथ वालयूम प्रथम में इसका वर्णन किया गया हैं
 ( 5 ) अंग्रेज इतिहासकार रोने ने लिखा है कि दसवीं शताब्दी के बाद मुस्लमानों और मराठों के संघर्ष में जगह - जगह भीलों के राज्य स्थापित हो गये हैं , जिनके नेता को नायक कहते थे , चारों तरफ से इन नायकों का आंतक था 19 ) सन् 1981 को मर्दु मशुमारी रिपोर्ट मेजर शिडयुल्ड ट्राइब्ज इन स्टेट में लिखा है कि मैसोर में नायक ट्राइव सबसे ज्यादा है इंम्पिरीयल गजेटियर देखने से पता चलता है कि मैसोर के अधिकांश नायकों का निकास

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